हरित कंप्यूटिंग का उद्देश्य पर्यावरण को बचाने के लिए टेक्नोलॉजी के अनुभवों में सुधार लाना है। ऊर्जा दक्षता बढ़ाना और प्रदूषण कम करना इसके प्राथमिक लक्ष्य हैं। कंप्यूटर उद्योग में यह क्रांति की तरह उभर रही है और नए मानक स्थापित कर रही है। परंतु इस पहल के पीछे की चुनौतियाँ अब भी बनीं हैं…
कंप्यूटर कंपनियाँ अब पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों को बाजार में ला रही हैं। ये उत्पाद केवल ऊर्जा को कम खपत नहीं करते, बल्कि इकाई की शक्ति में भी वृद्धि करते हैं। यह बदलाव न केवल पर्यावरणीय लाभ लाता है बल्कि व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी मूल्यवान साबित होता है। दूर-दूर तक राज्यों की नई प्रतिक्रियाएँ दिखाई पड़ रही है…
व्यक्तिगत स्तर पर भी, उपयोगकर्ता ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाकर अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम कर रहे हैं। ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग, क्षयनीय प्रौद्योगिकी और पुनर्नवीनीकरण संसाधनों का अनुकूलन इसकी कुछ प्रमुख धाराएँ हैं। इसके तहत, शुरुआती चुनौतियों के बावजूद सफलता की उम्मीद की जा सकती है। लेकिन असमंजस की स्थिति अभी भी बनी हुई है…
वैश्विक स्तर पर हरित कंप्यूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए नीति निर्माता भी आगे आ चुके हैं। नई नीतियों और उत्सर्जन घटाने की पहलें स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाई दे रही हैं। यह नई चुनौतियों और संभावनाओं का द्वार खोल रहा है, लेकिन अब भी कई रहस्यविदितियां लागू है…